घर के मुख्य द्वार से लेकर आपके बेडरूम तक किस दिशा में होना चाहिए ,ये आप स्वयं जानिए |
मुख्य द्वार
घर का मुख्य द्वार आप की कुंडली का सूर्य है, जैसा आप का मुख्य द्वार होगा वैसा आपका सूर्य होगा, इसलिये हमेशा ये ख्याल रखे कि घर के मुख्य द्वार को साफ रखें और उसके आसपास पर्याप्त रोशनी रहे, और धार्मिक प्रतीक जैसे कि स्वस्तिक, या ॐ या गायत्रीमंत्र का चिन्ह जरूर वहां लगाए.
इस से आप और आप के पिता दोनों की स्थिति सही रहेगी और मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी.
बाथरूम
अगर आप का बाथरूम गन्दा रहता है या पानी की बर्बादी करते है यो घर मे बीमारी रहती है, घर मे मानसिक बीमारी रहती है, यह स्थान राहु केतु ओर शनि ग्रह से सबंध रखता है और पानी जो है वो चन्द्र ग्रह से सबंध रखता है|जहा तक हो सके तब तक बाथरूम में वेंटिलेशन और प्रकाश की ठीक व्यवस्था करे और बाथरूम के इस्तेमाल के बाद उसका दरवाजा हमेशा बंद कर दें |अगर आप अपना बाथरुम ठीक रखते है तो जीवन मे आने वाले उतार चढ़ाव संधर्ष के सामने रक्षा मिलती है|
घर का ड्राईंग रूम
ये स्थान चंद्र माँ से सबंध रखता है, जहा हम अक्सर बैठते है, बाते करते है, और अपना ज्यादा समय यहां बिताते है |
इस स्थान को हमेशा सुगन्धित रखे, और लिविंग रूम की दिवालो पर फुल के चित्र रखे या फूल रखे, अगर आपका लीविंग रूम सही है तो घर मे रहने वाले लोगो की मानसिक स्थिति सही रहेगी, और घर की महिलाओं के मान सन्मान में बढोति होगी.
शयनकक्ष
इस स्थान का सबंध शुक्र ग्रह से है, आप का बेडरूम जितना सुंदर, आकर्षक और आरामदायक होगा उतना अच्छा होगा, बेडरूम में कोल्ड कलर्स का जैसे कि हल्का नीला, ग्रीन, ब्ल्यू, पिंक कलर का इस्तेमाल करे, और बेडरूम में चमकदार लाइट का प्रयोग जरूर करे, ब्राइट लाइट का इस्तेमाल आवश्यक है, बेडरूम में अंधेरा न रखे |
अगर बेडरूम सही है तो जीवन मे वैभव, समृद्धि, और उच्चस्तर की प्रगति जरूर होगी |
अगर बेडरूम खराब होगा तो वैवाहिक जीवन मे परेशानी आयेगी, और बेडरूम में भड़काऊ रंग जैसे कि लाल या केसरी या पीले कलर के इस्तेमाल को टाले |
रसोई घर
इस स्थान का सबंध मंगल ग्रह से है, रसोई घर मे सूर्य का प्रकाश आये इस बात का हमेशा ख्याल रखे और रसोई घर मे चीजे बिखरी हुई नहीं होनी चाहये, हो सके तो रसोई घर की दिवालो मे हल्का लाल या नारंगी रंग का उपयोग करे.अगर रसोई घर ठीक है तो घर के लोगो का स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहेगी.
पुजा घर
ये स्थान बृहस्पति और सूर्य ग्रह से सबंध रखता है, पूजा स्थान छोटा हो या बड़ा हो पर इसकी पवित्रता बनाई रखिए और पूजा स्थान में बहोत सारे चित्र या भगवान की मूर्ति या फोटो नही रखनी है,अगर दोनों समय हम पूजा करे तो बहोत अच्छा और शाम के समय पर्याप्त रोशनी बनी रहे उस बात का ख्याल रखे, ओर शाम के समय तिल के तेल या घी का दिया जरूर करे.
पूजा स्थान पर बैठकर प्राथना करते है तो आपके कुंडली का सूर्य और गुरु ग्रह की परेशानी में राहत मिलती है.