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महाकाल स्तोत्रम Mahakal Stotram

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महाकाल स्तोत्रम Mahakal Stotram

इस स्तोत्र को भगवान् महाकाल ने खुद भैरवी को बताया था इसकी महिमा का जितना वर्णन किया जाये कम है।

महाकालेश्वर का दुर्लभ सहस्त्र नाम स्तोत्र

इसमें भगवान् महाकाल के विभिन्न नामों का वर्णन करते हुए उनकी स्तुति की गयी है। शिव भक्तों के लिए यह स्तोत्र वरदान स्वरुप है। नित्य एक बार जप भी साधक के अन्दर शक्ति तत्त्व और वीर तत्त्व जाग्रत कर देता है। मन में प्रफुल्लता आ जाती है। भगवान शिव की साधना में यदि इसका एक बार जप कर लिया जाये तो सफलता की सम्भावना बढ जाती है ।

ॐ महाकाल महाकाय महाकाल जगत्पतेमहाकाल स्तोत्र अर्थ सहित

महाकाल महायोगिन महाकाल नमोस्तुते

महाकाल महादेव महाकाल महा प्रभो

महाकाल महारुद्र महाकाल नमोस्तुते

महाकाल महाज्ञान महाकाल तमोपहन

महाकाल महाकाल महाकाल नमोस्तुते

भवाय च नमस्तुभ्यं शर्वाय च नमो नमः

रुद्राय च नमस्तुभ्यं पशुना पतये नमः

उग्राय च नमस्तुभ्यं महादेवाय वै नमः

भीमाय च नमस्तुभ्यं मिशानाया नमो नमः

ईश्वराय नमस्तुभ्यं तत्पुरुषाय वै नमः

सघोजात नमस्तुभ्यं शुक्ल वर्ण नमो नमः

अधः काल अग्नि रुद्राय रूद्र रूप आय वै नमः

स्थितुपति लयानाम च हेतु रूपआय वै नमः

परमेश्वर रूप स्तवं नील कंठ नमोस्तुते

पवनाय नमतुभ्यम हुताशन नमोस्तुते

सोम रूप नमस्तुभ्यं सूर्य रूप नमोस्तुते

यजमान नमस्तुभ्यं अकाशाया नमो नमः

सर्व रूप नमस्तुभ्यं विश्व रूप नमोस्तुते

ब्रहम रूप नमस्तुभ्यं विष्णु रूप नमोस्तुते

रूद्र रूप नमस्तुभ्यं महाकाल नमोस्तुते

स्थावराय नमस्तुभ्यं जंघमाय नमो नमः

नमः उभय रूपा भ्याम शाश्वताय नमो नमः

हुं हुंकार नमस्तुभ्यं निष्कलाय नमो नमः

सचिदानंद रूपआय महाकालाय ते नमः

प्रसीद में नमो नित्यं मेघ वर्ण नमोस्तुते

प्रसीद में महेशान दिग्वासाया नमो नमः

ॐ ह्रीं माया – स्वरूपाय सच्चिदानंद तेजसे

स्वः सम्पूर्ण मन्त्राय सोऽहं हंसाय ते नमः

फल श्रुति:-

इत्येवं देव देवस्य मह्कालासय भैरवी

कीर्तितम पूजनं सम्यक सधाकानाम सुखावहम ।।

 

 

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